मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी का गठन बहुत संघर्षों के बाद किया था. लेकिन इसी वर्ष हुए विधानसभा चुनावों में जिस तरह से मुलायम सिंह अपनी ही पार्टी में बेगाने रहे उससे सपा के पारम्परिक वोट बैंक को वास्तव में बुरा लगा. चुनावों से पहले अखिलेश यादव का कहना था कि चुनावों के बाद वो फिर से पिता मुलायम को सपा का अध्यक्ष पद सौंप देंगे. लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हुआ नहीं और हमारी मानिये तो ऐसा होने की उम्मीद भी न करें. पद और कुर्सी अपने मन से कोई कहाँ छोड़ पता हैं भला ?
शिवपाल यादव भी इस बात को अच्छे से जानते हैं इसलिए ही उन्होंने बुधवार को अखिलेश से तीन महीने में अध्यक्ष पद मुलायम सिंह यादव को सौंपने का अपना वायदा पूरा करने को कहा है. साथ ही धमकी भी दी कि ऐसा नहीं हुआ तो नई पार्टी बनाने के मकसद से धर्म निरपेक्ष मोर्चे का गठन करेंगे. और आज मुलायम सिंह यादव ने भाई शिवपाल की धमकी को वास्तविकता में बदल भी दिया.
समाजवादी पार्टी के बड़े नेता और मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है. शिवपाल यादव ने कहा है कि वह मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में ‘समाजवादी सेक्युलर मोर्चा’ नाम से नई पार्टी बनाने जा रहे हैं. हालाँकि अभी मुलायम सिंह यादव अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं, तो कैसे दुसरी पार्टी के अध्यक्ष बनेंगे ? लेकिन ये यादव परिवार हैं यहाँ अब कुछ भी हो सकता हैं. पार्टी बनाने की जानकारी देते हुए शिवपाल यादव ने ये भी कहा, ”नेता जी को उनका सम्मान वापस दिलाने और समाजवादियों को एक साथ लाने के लिए जल्द ही इस मोर्चे का एलान होगा.”
शिवपाल यादव से पहले यादव परिवार की छोटी बहु अपर्णा यादव भी अखिलेश यादव को उनका वादा याद दिलाने की कोशिश कर चुकी हैं लेकिन अखिलेश यादव किसी की बात को सुनना ही नहीं चाह रहे हैं. शयद इसलिए मजबूर होकर शिवपाल यादव को ये कदम उठाना पड़ा. आज से दो दिन पहले ही शिवपाल ने इटावा में अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव पर हमला बोला और उन्हें शकुनि तक कह डाला था.
अब लगने लगा हैं परिवार की तरह पार्टी में भी मतभेद की जड़े गहरी होती जा रही हैं.