हाई वोल्टेज पोलिटिकल ड्रामे के तहत आखिर शनिवार की शाम को सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने अपना अनशन तोडा | बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें नारियल पानी पिलाकर उनका अनशन तुडवाया , लेकिन शिवराज के इस अनशन का ना के बराबर फायदा हुआ | इससे पहले शिवराज ने कहा था कि वह राज्य की जनता और किसानों के लिए जीएंगे और उन्हीं के लिए मरेंगे और इसी कारण उन्होंने राज्य में शांति की बहाली के लिए शनिवार से उपवास रखा था।
भावुक हुए शिवराज
आपको बता दें कि उपवास के दौरान मंदसौर गोलीकांड में मारे गए किसानों के परिजनों ने सीएम शिवराज से मुलाकात की थी और रो-रोकर उनसे उपवास तोड़ने की अपील की थी। इस मुलाकात के दौरान शिवराज सिंह भी भावुक हो गए थे और उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश में शांति बहाली नहीं हो जाती, उपवास नहीं तोड़ूंगा।
पांच किसानो की मौत से आन्दिलन हिंसक हुआ
गौरतलब है कि छह जून को मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी। इसके अलावा छह अन्य किसान घायल भी हो गए थे। इसके बाद किसान भड़क गये और किसान आंदोलन पूरे प्रदेश में फैल गया। आंदोलन ने हिंसक रूप भी ले रखा है।
वही कैलाश विजयवर्गीय ने एक विवादित बयान देते हुए कहा की जिस पानी से शिवराज पैर धोते हैं उसी को किसान पीना चाहते हैं | इस मामले को लेकर विपक्ष ने भी विजयवर्गीय को घेरा हैं | जाहिर हैं कैलाश विजयवर्गीय हमेशा अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं |
विपक्ष भी करेगा सत्याग्रह
शिवराज के ड्रामे के बाद अब विपक्ष भी अपना ड्रामा लेकर सामने आने वाला हैं और कांग्रेस के एमपी के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा हैं की वो अब सत्याग्रह करेगे |