सिन्धु जल समझौते में एक नया मोड़ आया हैं और इससे भारत को एक बड़ी जीत मिली हैं | बताया जा रहा हैं की वर्ल्ड बैंक ने भारत को झेलम और चिनाब नदी पर हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्लांट बनाने को मंजूरी दे दी है।
पाकिस्तान ने की थे अपील
ये फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच सेक्रेटरी स्तर की बातचीत के बाद आया है। भारत झेलम और चिनाब नदी पर हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्लांट बना रहा है जिसको लेकर पाकिस्तान ने आपत्ति दर्ज कराते हुए वर्ल्ड बैंक में अपील की थी जिसके बाद वर्ल्ड बैंक ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया। वर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही सितंबर में वाशिंगटन में सिंधु जल समझौते पर चर्चा के तैयार हो गए हैं। इसके साथ ही वर्ल्ड बैंक ने भारत को 330 वॉट के किशनगंगा और 850 वॉट के रैटले हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्लांट के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान ने हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर प्लांट बनाने को समझौते के विरुद्ध बताते हुए विरोध किया था। वर्ल्ड बैंक ने अपनी फैक्टशीट में कहा है कि भारत जिस प्लांट पर काम कर रहा है वह झेलम और चिनाब नदी पर है। संधि के मुताबिक इन नदियों के साथ-साथ पाकिस्तान का पश्चिम की नदियों के पानी पर भी हक बनता है। सिंधु जल समझौते ते तहत तीन ‘पूर्वी नदियां’ ब्यास, रावी और सतलुज के पानी का इस्तेमाल भारत बिना किसी बाधा के कर सकता है। वहीं, तीन ‘पश्चिमी नदियां’ सिंधु, चिनाब और झेलम पाकिस्तान को आवंटित की गईं हैं। भारत हालांकि इन पश्चिमी नदियों के पानी को भी अपने इस्तेमाल के लिए रोक सकता है, लेकिन इसकी सीमा 36 लाख एकड़ फीट रखी गई है। इसके अलावा भारत इन पश्चिमी नदियों के पानी से 7 लाख एकड़ जमीन में लगी फसलों की सिंचाई कर सकता है।