मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव ने सपा के उम्मीदवारों के चुनाव में अखिलेश की एक नहीं सुनी. इसके बाद सपा में चल रहा घमासान तेज होगा ये तो तय था लेकिन मुलायम सिंह अपने बेटे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर देंगे ऐसा किसी ने नहीं सोचा होगा.
समाजवादी पार्टी में इतनी तेजी से सभी समीकरण बदलें कि मुलायम सिंह ने यूपी सीएम अखिलेश यादव और भाई रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित ही कर दिया. ये घोषणा मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर की. इस प्रेस कांफ्रेंस में मुलायम सिंह यादव ने अपने पुत्र व सीएम अखिलेश यादव पर अनुशासनहीनता का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जो भी सम्मेलन में हिस्सा लेगा, उसे पार्टी से निकाला जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने का अधिकार केवल पार्टी अध्यक्ष को है, दूसरा कोई नहीं बना सकता है.
अखिलेश यादव के साथ दी रामगोपाल यादव को भी 6 सालों के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया हैं. इस बारें में बोलते हुए नेता जी ने कहा कि रामगोपाल का पार्टी में कोई योगदान नहीं है. इसके बाद से ही सपा समर्थकों में बहुत निराशा हैं. लखनऊ मुख्यालय के सामने सपा समर्थक रोते हुए भी दिखाई दें.
ये पूछे जाने पर कि अगर अखिलेश यादव मुलायम सिंह से माफी मांगेंगे तो क्या होगा? मुलायम सिंह ने कहा कि जब अखिलेश माफी मांगेंगे तब भी देखा जायेगा. अब सपा की और से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन बनेगा ये भी यक्ष प्रश्न बन गया हैं. इसका जवाब देते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा उसका वो जल्द ऐलान करने वाले हैं, क्योंकि ये उनका अधिकार है.
सपा सुप्रीमों अपने भाई रामगोपाल यादव से काफी दिनों से नाराज़ चल रहे थे. पहले भी रामगोपाल का निष्कासन किया गया था लेकिन शायद अखिलेश के दबाव में रामगोपाल को वापस पार्टी में ले लिया गया था. आज फिर रामगोपाल को सपा से 6 सालों के लिए बाहर कर दिया गया. सपा मुखिया बयानबाजी को लेकर रामगोपाल पर नाराज बताए जा रहे हैं.
अब सपा की सपाईयों से ही लडाई जारी हैं. देखना ये हैं कि इन दो बिल्लियों की लडाई में सत्ता की रोटी लेने वाला बन्दर कौन बनेगा ?