उत्तर प्रदेश में बाहुबलियों की इतनी तूती बोलती हैं कि कानपूर विधानसभा से सीट से सपा के उम्मीदवार अतीक अहमद ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ही चुनोती दे डाली. अतीक अहमद की अपराधिक छवि से जनता अच्छे से वाकिफ हैं. अभी कुछ ही दिन पहले अतीक अहमद को मार पीट का आरोपी बनाया गया था. अतीक अहमद ने सीएम अखिलेश को चुनौती देते हुए कहा, ‘मीडिया के दबाव में अगर मेरा टिकट कटा, तो मैं अपना टिकट खुद बना लूंगा.’
कानपूर की सीट के लिए अतीक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहली पसंद नहीं थे. कानपूर विधानसभा सीट से पहले अखिलेश यादव की पसंद परवेज थे लेकिन सपा की भीतरी खींचतान ने परवेज की जगह अतीक अहमद को सपा का उम्मीदवार घोषित कर दिया. अतीक अहमद का नाम जब से मारपीट के आरोपों में आया हैं तब से अखिलेश यादव की नाराजगी आतील अहमद से और बढ़ गयी थी. इसी कारन से शायद अतीक को अपना टिकट खतरे में दिखा होगा.
अतीक अहमद पर 44 मुकदमें दर्ज हैं. अतीक के खिलाफ सबसे ज्यादा मामले इलाहाबाद जिले में दर्ज हुए. उत्तर प्रदेश के साथ बिहार में भी अतीक के नाम पर अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. अतीक अहमद ने हाल ही में एक रोड शो भी किया जिसमें अतीक अहमद की दबंगता ही प्रदर्शित की जा रही थी. लगभग 200 गाड़ियों के काफिलों के साथ अतीक कानपूर की सड़कों पर अपने समर्थकों की भीड़ के साथ दिखाई दिए. ये पूछे जाने पर कि इतनी भीड़ से लोगों को असुविधा हो रही होगी, अतीक अहमद का जवाब था “तो क्या अब हम साइकिल पर निकले ?”
बाहुबली शब्द जो अच्छा मानने वाले अतीक अहमद का ये भी कहना है कि लोग भगवान को भी बाहुबली मानते हैं. अब ये बात शायद जनता की समझ से परें होगी कि 44 मुकदमें वाला व्यक्ति सपा की मजबूरी हैं या कानपूर की जरूरत.
कानपूर विधान सभा सीट के बारें में आपको बता दें कि अभी इस पर भाजपा का कब्ज़ा हैं लेकिन सभी पार्टियों ने इस सीट को अपना करने के लिए मुस्लिम उम्मीदवार इस सीट से मैदान में उतार रखे हैं. इसका कारण यहाँ मुस्लिम मतदाताओं की अधिक संख्या हैं.