टूटे कुनबे को जोड़ने के लिए सपा की डिनर डिप्लोमेसी, राजा भैया और शिवपाल को भी न्यौता

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SP's dinner diplomacy to tied broken links

यूपी में मिली जीत के बाद अब सपा राज्यसभा की तैयारी में है | राज्यसभा के लिए अगले महीने होने वाले चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी बिखरे कुनबे को संभालने की कोशिश में है। समाजवादी पार्टी की ओर से बुधवार को लखनऊ के एक पांच सितारा होटल में डिनर का इंतजाम किया गया है। इसमें पार्टी की ओर से करीब 250 लोगों को न्योता दिया गया है। राज्यसभा इलेक्शन से पहले इस डिनर डिप्लोमेसी को सपा की ओर से नाराज सदस्यों से मनमुटाव खत्म करने और अपनी वोटों को बिखरने से रोकने की कोशिश माना जा रहा है।

SP's dinner diplomacy to tied broken links

इन्हें मिला न्यौता – इस डिनर के मेहमानों की फेहरिस्त से साफ है कि ये आयोजन यादव परिवार में बीते कुछ समय से रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने की भी कोशिश है। इस आयोजन में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, राम गोपाल यादव और अखिलेश यादव को भी न्योता दिया गया है। पार्टी और परिवार के इन चार लोगों में बीते काफी समय से तनाव की बात सामने आ रही है।

परिवार के सदस्यों के अलावा सपा सरकार में मंत्री रहे निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और विनोद सरोज को भी बुलाया गया है। राजा भैया के राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट करने को लेकर अटकले हैं। ऐसे में उनकी उपस्थिति स्थिति को साफ करेगी। इस डिनर की मेजबानी गौरीगंज से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये समाजवादी परिवार को गेट-टुगेदर है और इसके राजनीतिक मायने ना निकाले जाएं।

गोरखपुर और फूलपुर का जश्न –

राकेश प्रताप सिंह का कहना है कि ये पार्टी हाल ही में गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में सपा की जीत के जश्न में रखी गई है। उन्होंने कहा कि डिनर को राज्यसभा चुनाव के नजरिये से देखना गलत है। उन्होंने कहा सपा के सभी राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को उन्होंने न्योता दिया है। पूर्व मंत्रियों और विधायकों को भी बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है सभी लोग आएंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने आयोजन में शामिल होने का भरोसा दिलाया है, वहीं शिवपाल यादव ने कहा है कि वो इटावा से वक्त से लौट आए तो जरूर आएंगे।

गोरखपुर और फूलपुर की जीत के जश्न में पार्टी
एक होते दिख रहे अखिलेश मायावती –

जाहिर है की सपा और बसपा के गठबंधन को मिलने वाली जीत से दोनों धुरविरोधी एक बार फिर से सत्ता के मैदान में एक साथ कूदने की तैयारी में है और योगी सरकार पर हमले की कमर भी कास ली गई है | वही अपने गढ़ में हारने के बाद देशभर में योगी सरकार की निंदा होने के साथ साथ बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के ऊपर भी सवाल उठाये जा रहे है | तो वही शिवपाल को बुलाने से ये साफ़ जाहिर होता है की सपा जोड़ने की प्रक्रिया अपने घर से शुरू करना चाहती है |

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