फिल्म अभिनेता से राजनीति में कदम रखने वाले नंदमुरी हरिकृष्णा की सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। मिल रही जानकारी के मुताबिक ऐसा बताया जा रहा है कि बुधवार की सुबह नंदमुरी हरिकृष्णा की कार का एक्सीडेंट नलगोंडा जिले में उस वक्त हुआ जब वह हैदराबाद से नेल्लूर की तरफ जा रहे थे। नल गोंडा जिले के हाईवे पर उनकी कार का इतना खतरनाक एक्सीडेंट हुआ कि उनके कार के परखच्चे उड़ गए। ऐसा बताया जा रहा है कि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त नंदमुरी हरिकृष्णा खुद ही अपनी गाड़ी को चला रहे थे। काफी तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने की वजह से उन्होंने अपना नियंत्रण उस गाड़ी के ऊपर से खो दिया और उनकी गाड़ी डिवाइडर से जा टकराई। बताया जा रहा है कि यह टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वह गाड़ी से कुछ दूर जाकर गिरे। एक्सीडेंट में बुरी तरह से जख्मी हो जाने के बाद उन्हें हॉस्पिटल में भी एडमिट करवाया गया परंतु डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा पाए।
2 सितंबर 1956 को आंध्र प्रदेश के निम्माकुरु जिले में जन्म लेने वाले नंदमूरी हरिकृष्णा ने अपने अभिनय की शुरुआत साठ के दशक में ही की थी। बतौर एक चाइल्ड आर्टिस्ट अपने अभिनय की शुरुआत करने वाले नंदमूरी हरिकृष्णा ने दो-दो शादियां की थी। उनकी पहली पत्नी से उनके तीन बच्चे हुए जिनका नाम जानकी राम, कल्याण राम और सुभाषिनी बताया जाता है। पहली शादी से 3 बच्चे होने के बावजूद नंदमुरी हरिकृष्णा ने दूसरी शादी रचाई। उनकी दूसरी शादी से भी उनका एक बच्चा हुआ जिनका नाम तारक राम बताया जाता है। ऐसा बताया जाता है कि नंदमुरी हरिकृष्णा की दूसरी पत्नी के बेटे तारक राम ने अपना नाम बदलकर बाद में जूनियर एनटीआर रख लिया। वक्त के साथ बड़े होने के बाद जूनियर एनटीआर ने अपने पिता की तरह ही साउथ इंडस्ट्री में कदम रखा। साउथ इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद जूनियर एनटीआर ने लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान कायम की।
अगर बात नंदमुरी हरिकृष्णा के फिल्मी करियर की करें तो तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में बतौर एक चाइल्ड आर्टिस्ट अपने अभिनय की शुरुआत करने वाले नंदमुरी हरिकृष्णा ने वर्ष 1970 में पर्दे पर आई फिल्म तल्ला पेलम्मा में काम किया। इसके बाद वर्ष 1974 में उन्होंने राम रहीम और तमम्मा काला फिल्म में अपने अभिनय का प्रदर्शन किया। ऐसा बताया जाता है कि वर्ष 1977 में पर्दे पर आई फिल्म दानवीर शूर कर्ण में काम करने के बाद उन्होंने अचानक से फिल्म इंडस्ट्री से दूरियां बना ली। काफी लंबे वक्त तक फिल्म इंडस्ट्री से दूर रहने के बाद वर्ष 1998 में उन्होंने एक बार फिर से वापसी की। वापसी करने के बाद वर्ष 1998 में ही उनकी फिल्म श्री रामूल्या पर्दे पर रिलीज हुई। इस फिल्म में काम करने के बाद वर्ष 1999 में उन्होंने साउथ इंडस्ट्री के सुपरस्टार नागार्जुन के साथ फिल्म सीताराम राजू में काम किया। कई सारी फिल्मों में काम करने के बाद जब उन्हें ऐसा लगने लगा कि उनका कैरियर क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ पाएगा तो उन्होंने राजनीति की ओर अपना रुख कर लिया। राजनीति में कदम रखने के बाद उन्होंने वर्ष 2008 में तेलुगू देशम पार्टी से राज्यसभा का चुनाव भी लड़ा।