ये भाजपा पहले ही साफ़ कर चुकी हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा पीएम मोदी को ही आगे कर के लड़ेंगी. प्रधानमंत्री मोदी को लोकसभा चुनाव जितने में यूपी के मतदाता का बड़ा हाथ हैं. भाजपा इसी के चलते उत्तर प्रदेश में पीएम मोदी का नाम लेकर चुनावी मैदान में प्रवेश करने का सोच रही हैं. भाजपा के लिहाज से वेस्ट यूपी इन विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के लिए मुख्य प्रान्त हो सकता हैं. अभी तक यूपी के इस हिस्से की जनता भाजपा के साथ जाती हुई ही दिख रहे हैं.
वेस्ट यूपी में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए यहाँ पीएम मोदी दो जनसभाओं को भी सम्भोदित कर सकते हैं. वैसे भी वेस्ट यूपी भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है इसलिए यहाँ से मोदी यूपी चुनाव प्रचार का शंखनाद भी कर सकते हैं. वेस्ट यूपी में चुनाव दो चरणों में पुरे किये जायेंगे. पहले चरण के चुनाव प्रसार के लिए मोदी मेरठ में रैली करेंगे. मेरठ को वेस्ट यूपी का मुख्य इलाका माना जाता हैं इसका कारण यह हैं कि मेरठ गाजियाबाद, हापुड़, मुज़फ्फरनगर जैसे जिलों से समान दूरी पर हैं और यहाँ जनसभा सम्भोदित करके इस सभी बड़े जिलों की जनता से आसानी से संवाद बनाया जा सकता हैं.
वेस्ट यूपी में मुद्दों की भी कोई कमी नहीं हैं. ये इलाका गन्ना बेल्ट में आता हैं यानि यहाँ के किसान गन्ना अधिक उगाते हैं. ऐसे में चीनी मिलों पर किसानो का बकाया पैसा यहाँ के किसानो की बड़ी दिक्कत हैं. साथ वेस्ट यूपी के मेरठ और मुजफ्फरनगर जैसे इलाकों में अपराध का ग्राफ बढ़त पर ही रहता हैं. लेकिन इस बार यहाँ सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा कैराना से हिन्दू पलायन का भी हो सकता है. वेस्ट यूपी में चुनावों के दुसरे चरण में पीएम मोदी एक और रैली मुरादाबाद या सहारनपुर में भी कर सकते हैं. यूपी का ये हिस्सा किसान बहुल है ऐसे में नोटबंदी का असर भी इन लोगों पर अधिक पड़ा हैं.
भाजपा ने अभी तक यूपी में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी चेहरे को आगे नहीं किया हैं. साथ ही अभी तक भाजपा ने यूपी विधानसभा सीट के लिए अपनी उम्मीदवारों के नाम भी नहीं खोलें हैं. अब जबकि चुनावों में ज्यादा समय भी नहीं रह गया हैं ये तय हैं कि भाजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति तो बना ही चुकी हैं और यर भी हो सकता हैं कि इसी रणनीति के अनुसार भाजपा ने अभी तक अपनी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की हैं.