देश के नाम प्रवण मुखर्जी का ये आखिरी सन्देश

0
1082
the-last-message-of-pranab-mukherjee

देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रवण मुखर्जी ने आज देश के नाम अपना आखिरी सन्देश दिया जिसमे उन्होंने कई सारी बातें कही |इस दौरान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कहा कि मैंने राष्‍ट्र को जितना दिया, देश ने मुझे उससे कहीं ज्‍यादा दिया, इसके लिए मैं देशवासियों का ऋणी रहूंगा। पिछले 50 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में मेरा ग्रंथ संविधान रहा, संसद मंदिर रहा और लोगों की सेवा ही जुनून रहा।

the-last-message-of-pranab-mukherjee

मैंने हमेशा प्रसन्नता का माहौल बनाने की कोशिश की

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि एक स्वस्थ, खुशहाल सार्थक जीवन हर नागरिक का कर्तव्य है। पिछले 5 साल में मैंने प्रसन्न माहौल बनाने की कोशिश की। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें गरीबों का सशक्तिकरण करना चाहिए। ये सुनिश्चित करना चाहिए कि योजनाएं आखिरी व्यक्ति तक पहुंच रही हैं या नहीं। वास्तविक विकास तभी माना जाएगा जब गरीब लोगों को ये पहुंचेगा।

विश्वविद्यालयों में शोध को मिले जगह

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हाल के दौरान हुई हिंसात्मक घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जब मैंने राष्ट्रपति का पद संभाला तो मैंने लोगों को सुरक्षा का वादा किया। समाज को हिंसा से मुक्त होना चाहिए। केवल अहिंसक समाज ही सभी की सुरक्षा और लोकतंत्र को सुनिश्चित कर सकता है। भारत की आत्मा विविधता और सहिष्णुता में है। यह हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय केवल नोट्स बनाने के केंद्र नहीं बनने चाहिए बल्कि यहां रचनामत्कता और शोध को जगह मिलनी चाहिए। प्रणब मुखर्जी ने पर्यावरण को लेकर कहा कि इसकी सुरक्षा बहुत आवश्यक है और इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।

इसके अलावा प्रणव दा ने मोदी की तारीफ करते हुए कहा की मैं उनकी ऊर्जा से हमेशा प्रभावित रहा हूँ |

अब देश के नए राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद हैं |

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here