बीजेपी ने हमेशा ही हिंदुत्व के नाम पे खासा वोट बटोरे हैं और इस बार भी गुजरात चुनाव में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा था लेकिन अचानक एक हिन्दू समर्थक या फिर कहे की कट्टर हिन्दू समर्थक पार्टी ने अपने उम्मदीवार उतरने का फैसला कर लिया जिससे बीजेपी को भारी नुकसान और इसका सीधा फायदा कांग्रेस को होगा |
शिवसेना हैं वो पार्टी –
बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में 50 से 75 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का फैसला किया है। शिवसेना ने यह भी कहा कि वह गुजरात में बीजेपी सहित किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई ने बताया कि पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हाल में बैठक हुई थी जिसमें निर्णय किया गया कि हम गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। यहां हमारे नेताओं से मशविरे के बाद हमने निर्णय किया है कि हम 50 से 75 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी की राज्य के कई हिस्सों में मौजूदगी है, विशेष रूप से जहां मराठी भाषी लोगों की संख्या अधिक है जैसे दक्षिण गुजरात में। उन्होंने कहा कि दक्षिण गुजरात के अलावा पार्टी सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में भी अपने उम्मीदवार चुनाव में उतारेगी।
कांग्रेस को हैं फायदा –
गुजरात विधानसभा चुनाव में अब 20 दिन से भी कम दिन बचे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने इस चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। ऐसे में शिवसेना की गुजरात के चुनावी रण में एंट्री से बीजेपी को ज्यादा नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। जिन सीटों पर शिवसेवा अपने उम्मीदवार उतारेगी वहां बीजेपी का समीकरण बिगड़ सकता है जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिलता हुआ दिख रहा है। शिवसेना ने 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में करीब 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन राज्य में अपना खाता नहीं खोल पायी थी हालांकि कुछ सीटों पर वोट प्रतिशत अच्छा रहा था।
इससे बिगड़ बीजेपी का समीकरण –
इस बीच गुजरात चुनावों पर आया एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएसडीएस का ओपनियिन पोल 22 सालों से सत्ता में बैठी भाजपा को परेशानी में डाल सकता है। इस ओपनियन पोल के मुताबिक जहां एक तरफ कांग्रेस, भाजपा के गढ़ कहे जाने वाले सौराष्ट्र इलाके में सेंध लगाती हुई दिख रही है। तो दूसरी तरफ पाटीदार समाज का विश्वास अभी भी भाजपा का विरोध कर रहे हार्दिक पटेल के साथ बना हुआ है। शिवसेना भी सौराष्ट्र के इलाकों में अपने उम्मीदवार उतारने की बात कह रही है। ऐसे में एक बात तो तय है गुजरात चुनाव में शिवसेना की एंट्री से बीजेपी का सारा समीकरण गड़बड़ हो सकता है।