उत्तर प्रदेश में चुनाव अब अंतिम दौर में पहुँच गया हैं. यूपी विधानसभा के चुनाव में अंतिम चरण में बनारस में मतदान होना हैं. बनारस को यूपी में भाजपा का गढ़ कहा जाता हैं. इस बार बनारस इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्यूंकि ये प्रधानमंत्री मोदी का संसंदीय क्षेत्र हैं. यहाँ से भाजपा को केवल जीत ही हासिल नहीं करनी हैं बल्कि भाजपाईयों का मुख्य उद्देश्य अपने प्रतिदंद्वियों को बड़े अंतर से हराना भी हैं, इसी के चलते भाजपा के सभी बड़े नेता व मंत्री आज कल बनारस में ही डटे हुए हैं.
क्यूँ हैं वाराणसी भाजपा के लिए महत्वपूर्ण
पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव वाराणसी यानि बनारस से जीता था. यब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की बनारस से चुनाव लड़ने की मंशा ये भी थी कि इसी बहाने वे खुद को उत्तर प्रदेश से जोड़ सकें. और उस समय चली मोदी लहर को यूपी की जनता ने भर भर कर सपोर्ट भी किया. अब अगर भाजपा को यहाँ मतदाताओं का कुछ कम समर्थन भी मिलता हैं तो विरोदियों को केंद्र सरकार को घेरने का मौका मिल जायेगा.
क्या हैं भाजपा के लिए खतरे की घंटी
प्रधानमंत्री मोदी समेत कैबिनेट के अधिकतर मंत्री आज कल वाराणसी में ही हैं, ऐसे में ये सोचना लाजमी हैं कि क्या भाजपा को अपने ही गढ़ में हार का दर तो नहीं सता रहा. अगर ऐसा नहीं होता तो प्रधानमंत्री सहित कैबिनेट के तमाम नेताओं को बनारस में दर-दर दस्तक देने की क्या ज़रूरत थी. वो दिल्ली में अपना काम करते रहते. प्रदेश और ज़िले के भाजपा नेता अपना प्रचार का काम जारी रखते. सरकार अपना काम करती, पार्टी अपना काम करती. वास्तव में बनारस में पार्टी में बाहरी लोगों की पूछ तो बढी ही हैं जिससे स्थानीय भाजपा कार्यकर्त्ता कुछ निराश हुआ हैं लेकिन मुख्य मुद्दा क्षेत्र का आशानुरूप विकास न होने का हैं. बनारस में हर दिन तकरीबन 600 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है. इसमें से 500 मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण का दावा किया जाता है लेकिन जमीन पर हर जगह गंदगी है. यही नहीं गंगा भी उतनी ही मैली है.
क्या हैं सपा की रणनीति
सपा व कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा की बनारस को लेकर तिलमिलाहट को समझ लिया हैं. इसी के चलते सपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ही गढ़ में घेरने के लिए एक खास वीडियो तैयार किया गया है जिसका नाम है ‘दर्द-ए-बनारस’. इस वीडियो में यह बताया गया है कि मोदी ने क्या-क्या वादे किए थे और क्या-क्या पूरे हुए. इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए एक स्पेशल डाटा कॉन्ट्रैक्ट भी किया गया है. इसे व्हाट्सएप के जरिए वायरल करने की योजना है.