सरकार ने कालाधन रखने वालों को एक और मौका दिया है। नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर तक अघोषित पुराने नोटों में नकदी बारे में स्वेच्छा से घोषणा पर 50 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। वहीं कर अधिकारियों द्वारा पता लगाने पर अघोषित संपत्ति पर उच्चतम 85 प्रतिशत तक कर लगाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 8 नवंबर को 500 और 1000 रपये के नोट पर पाबंदी की घोषणा के करीब तीन सप्ताह बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आयकर कानून में संशोधन के लिये लोकसभा में एक विधेयक पेश किया। इसमें कोष के स्रोत के बारे में पूछताछ से भी छूट देने का प्रावधान किया गया है।
प्रस्तावित संशोधित आयकर कानून में यह भी प्रावधान है कि घोषणा करने वालों को अपनी कुल जमा राशि का 25 प्रतिशत ऐसी योजना में लगाना होगा जहां कोई ब्याज नहीं मिलेगा। साथ ही इस राशि को चार साल तक नहीं निकाला जा सकेगा। नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानी को लेकर विपक्ष के हंगामे के बीच पेश विधेयक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (2016) का प्रस्ताव किया गया है।