भाजपा ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया हैं. यानि चुनावी रण की तैयारी अब भाजपा ने पूरी कर ली हैं. भाजपा के लिए बड़ी मुश्किल सपा कांग्रेस गठबंधन की काट ढूढना हैं. अब कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने यू पर में सपा कांग्रेस गठबंधन को जीतने के लिए एक नया नारा दे दिया हैं. “यूपी के लड़के vs बाहरी मोदी”. आपको बता दें कि यूपी के लड़के का मतलब हैं राहुल और अखिलेश से.
राहुल और अखिलेश ने 29 जनवरी को सयुंक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस करके अपने गठबंधन की धमाकेदार शुरुआत भी कर दी हैं. इस प्रेस कांग्रेस के बाद राहुल गांधी और अखिलेश यादव एक साथ प्रचार करेंगे. रिपोर्ट के अनुसार दोनों एक साथ पूरे प्रदेश में कुल 14 रैलियां करेंगे. दोनों के लिए एक नया नारा भी तैयार कर दिया गया है. राहुल और अखिलेश चुनावी मंच से ‘यूपी के लड़के vs बाहरी मोदी’ का नारा बुलंद करेंगे.
अब ये नारा चुनावों में कितना असर दिखता हैं ये तो समय ही बतायेगा. लेकिन इस नारे पर भाजपा के नेता असमंजस की स्थिति में पड़े हुए हैं. अब वे सोनिया गाँधी को भी बाहरी नहीं बोल सकते क्यूंकि जनता ने ये बात पहले ही नकार दी हैं.
हालाँकि पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के वाराणसी से सांसद हैं. लकिन अखिलेश यादव का जनम उत्तर प्रदेश में हुआ हैं. साथ ही जब भी पीएम मोदी के काम की बात की जाती हैं तो वाराणसी कहीं नहीं आता केवल गुजरात की ही बात होती हैं. अब अगर राहुल गाँधी की बात करें तो 2004 से राहुल गाँधी उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोक सभा के सासंद रहे हैं. यहाँ भी प्रधानमंत्री मोदी पीछे रह जाते हैं.
भाजपा में अभी तक उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए किसी चेहरे की घोषणा नहीं की हैं. यहाँ भी भाजपा बिहार वाली रणनीति से चल रहे हैं. लेकिन जो रणनीति बिहार में सफल नहीं हो पाई उसके यूपी में भी असफल होने की संभावना ज्यादा हैं.
साथ ही यूपी में अमित शाह ने चुनावी घोषणापत्र जारी तो किया लेकिन अमित शाह भी यूपी के नेता नहीं हैं. जो नारा अब सपा और कांग्रेस का हैं वो ही बिहार में नितीश और लालू ने भी जनता को सुनाया था. कहीं उत्तर प्रदेश में भी भाजपा की हालत बिहार जैसी न हो जाएँ.