तीन तलाक को लेकर चल रही गहमा गहमी से तो हम सब परिचित ही हैं या यूँ कहे कि अब इस विषय को न सुने तो दिन कुछ अधुरा सा लगता हैं. इसी पर योगी आदित्य नाथ ने आज विधानसभा के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपुरुष चंद्रशेखर-संसद में दो टूक पुस्तक के विमोचन समारोह में पूछने के लहजे में कहा कि “तीन तलाक को लेकर लोगों के मुहं क्यों बंद हैं ?” पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का आज जन्मदिन है, इस मौके पर इस पुस्तक का विमोचन किया गया.
यूपी के मुख्यमंत्री अपनी बात को बेबाक तरीके से कहने के लिए जाने जाते हैं. आज भी योगी ने इसी अंदाज को अपनाते हुए तीन तलाक पर लोगों की चुप्पी की तुलना की तुलना द्रौपदी के चीर हरण के दौरान गणमान्य लोगों के चुप रहने से कर डाली. योगी ने कहा, देश की ज्वलंत समस्या को लेकर एक वर्ग चुप है। सीएम योगी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का भी जिक्र करते हुए कहा कि एक देश है तो कानून एक क्यों न हो ? तलाक जैसे मुद्दों पर चुप रहने वाले अपराधी के समान हैं. मुझे ये देखकर महाभारत का द्रोपदी के चीर हरण वाला दृश्य याद आता है. साथ ही कहा कि ‘तीन तलाक पर जो मौन है जो अपराधियों की तरह हैं.’
पीएम मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आखिरी दिन रविवार को कहा कि बीजेपी का रुख तीन तलाक मुद्दे पर बिल्कुल साफ है. उन्होंने कहा है कि तीन तलाक से मुस्लिम बहनों को दिक्कत हो रही है और केंद्र सरकार इस पर जल्द हल चाहती है.
वैसे आज ये सुबह से दुसरी बड़ी खबर हैं जो कि एक धर्म से जुडी हैं. इससे पहले आज सुबह से ट्विटर पर बॉलीवुड के जाने माने सिंगर सोनू निगम के ट्वीट को लेकर चर्चाएँ गरम थी. सोनू निगम का ये कहना कि अज़ान की आवाज से उनकी नीदं टूट जाती हैं हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया है कि उन्हें मंदिरों और गुरुद्वारों द्वारा भी तेज आवाज में गाने बजाकर लोगों को उठाना भी पसंद नहीं है. अभी तक लोग सोनु निगम के लॉजिक को समझने का औ उसकी तारीफ़ व बुराई करने का ही प्रयास कर रहे थे कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के एक ब्यान ने सारी धर्म पर चल रही बहस को नई दिशा दे दी.