आज उत्तर प्रदेश में आख़री चरण के लिए मतदान हो रहा हैं.इस चरण में मतदाताओं को रिझाने के लिए सभी नेताओं ने वाराणसी व पूर्वांचल में लगभग रोज़ रैली की. सबसे ज्यादा चर्चा पीएम मोदी के लगातार तीन दिनों तक वाराणसी में रोड शो करने की रही. अगर अंतिम चरण के चुनाव प्रचार की बात छोड़ भी दें तो भी पीएम मोदी उत्तर प्रदेश में हर चुनावी चरण में रैली करते दिखें. ऐसा ही हाल कुछ बसपा सुप्रीमों बहनजी का भी था. बहनजी बसपा की ओर से एकमात्र स्टार प्रचारक होती होएँ इसलिए अधिकतर चुनावी सभाओं में मतदाताओं को रिझाने की जिम्मेदारी मायावती के कन्धों पर अधिक होती हैं. लेकिन चुनावी रैलियों को सम्बोदित करने के मामले में अखिलेश पीएम मोदी व बहनजी को पीछे छोड़ते दिख रहे हैं.
अब आपको बता दें कि इस चुनाव प्रचार में कुल कितनी रैलियां हुई, इन सभी दलों के नेताओं ने डेढ़ महीने में उत्तर प्रदेश में 700 सभाएं कर डालीं. उत्तर प्रदेश में विकास को आधार बना कर विधानसभा चुनाव में उतरी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 221 चुनावी सभाओं को संबोधित किया. बीजेपी की ओर से तमाम नेताओं के बीच पीएम मोदी ने भी प्रचार में पूरा जोर लगाया. लेकिन मोदी ने 23 मेगा रैलियां कीं. आखिरी चरण के चुनाव से पहले पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जमकर प्रचार किया. तीन दिन तक वाराणसी में पीएम मोदी का मेगा शो चला.
बसपा की और से केवल बहनजी ने चुनावी सभाओं में लोगो को संबोदित किया. मायावती ने ने खुद प्रचार का जिम्मा संभाला और राज्यभर में 58 रैलियां की. राहुल गाँधी भी उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पटल पर छायें रहे. राहुल गांधी ने वाराणसी समेत तमाम क्षेत्रों में जमकर प्रचार किया. राहुल ने 50 रैलियां कीं और इस मामले में अखिलेश और मायावती के बाद तीसरे नंबर पर रहे.
अब मतदान लगभग पूर्ण हो चूका हैं.और सभी दल 11 मार्च का इन्तजार कर रहे हैं. पीएम मोदी ने एक जनसभा में त्रिशंकु विधानसभा का अंदेशा दर्शाया था जिसे बाद में भाजपा के बहुत से नेताओं ने गलत साबित करने में कोई कसार नहीं छोड़ी थी. अब चुनावों का रिजल्ट चाहे कुछ भी हो लेकिन ये तय हैं कि कोई भी दल पूर्ण बहुमत से सरकार बनता फिलहाल नहीं दिख रहा हैं .