‘राज्यसभा के सभापति ने महाभियोग प्रस्ताव को शुरूआती स्तर पर ही खारिज कर दिया, जो अभूतपूर्व है।’ यह बात कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट में वकील कपिल सिबब्ल ने आज एक प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि ‘भारत के इतिहास में पहली बार, संसद के सदस्यों की ओर से दिए महाभियोग प्रस्तवा पर चर्चा भी नहीं हुई।’ सिब्बल ने कहा कि ‘अगर 50 राज्यसभा के सदस्य महाभियोग का प्रस्ताव लाते हैं, तो प्रस्ताव को सभापति द्वारा निपटाया जाना उनके न्यायिक या अर्ध न्यायिक क्षमता में नहीं है।’
ये भी बोले सिब्बल-
उन्होंने कहा कि ‘महाभियोग सरीखे प्रस्तावों को जल्दीबाजी में नहीं निपटाया जाता। प्रस्ताव लाना हमारा अधिकार है।’ सिब्बल ने कहा कि ‘बिना पर्याप्त सलाह के फैसला लिया गया है।’ उन्होंने कहा कि ‘यह आदेश गैरकानूनी है।’ सिब्बल ने कहा कि ‘हम उनके फैसले को चुनौती देने के लिए निश्चित तौर पर उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे।’ सिब्बल ने कहा कि ‘ये एक ऐसा कदम है जो पहले किसी सभापति ने कभी नहीं लिया, ये फैसला अपने आप में गैर कानूनी है, ऐसा फैसला सभापति महोदय को नहीं लेना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ‘जो जल्दबाजी सभापति महोदय ने दिखाई है वो गलत है।’ सिब्बल ने कहा कि ‘सभापति महोदय ने दायरे से बाहर जा कर असंवैधानिक कदम उठाया है।’ सिब्बल ने कहा कि ‘सभापति महोदय ने बिना जांच के ही फैसला कर दिया कि इन आरोपों में कोई दम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ‘जो भी आरोप लगे हैं वो किसी पार्टी ने नहीं लगाये है बल्कि जनता के सामने कई महीनों से चल रहे हैं।’ सरकार को घेरते हुए सिब्बल ने कहा कि, ‘ऐसा लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि इसकी जांच हो, सरकार इसकी जांच दबाना चाहती है, आरोप बड़े गंभीर हैं। सरकार क्यों नहीं चाहती, किस वजह से नहीं चाहती; इसके बारे में केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है।’
कानून की लड़ाई लड़ रहे है हम-
सिब्बल ने कहा कि ‘हम निश्चित रूप से इसके खिलाफ एक याचिका (सुप्रीम कोर्ट में) दर्ज करेंगे और चाहते हैं कि सीजेआई इसके संबंध में कोई निर्णय न ले, चाहे वह लिस्टिंग हो या कुछ और हो, हम सुप्रीम कोर्ट का निर्णय स्वीकार कर लेंगे।’ सिब्बल ने कहा कि ‘हम सिद्धांतों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम सच्चाई, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और कानून के शासन के लिए लड़ रहे हैं।
इसके अलावा कपिल सिब्बल ने नाराजगी जताते हुए कहा की आज के बाद वो ऐसी किसी केस की पैरवी नही करेगे जिसकी सुनवाई दीपक मिश्रा कर रहे हो| जाहिर है की दीपक मिश्रा को लेकर कांग्रेस के खेमे बहुत नाराजगी है और इसीके चलते वो महाभियोग का प्रस्ताव लेकर आई है|