यूपी चुनाव में अब बयानों की झड़ी लगनी शुरू हो गई हैं और हर एक पार्टी का नेता कुछ भी बयान दिए जा रहा हैं |भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पांचवें चरण में होने वाले चुनावों से पहले चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कत्लखाने बंद करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, एसपी, बीएसपी के राज में गाय, भैंस के खून की नदियां बही, हम दूध-घी की नदी बहाएंगे। आपको बताते चले कि तीसरे चरण के मतदान के बाद से ही चुनावी रैलियों में सांप्रदायिकता पर जोर दिया जाने लगा है।
इससे पहले बुधवार को भी अमित शाह ने आतंकी कसाब की तुलना राजनीतिक पार्टियों कांग्रेस, सपा और बसपा से कर दी थी। उन्होंने चौरा-चोरी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि भाइयों कसाब से कुछ और मतलब मत निकालिएगा। अमित शाह ने कहा कि कसाब से मेरा मतलब क से कांग्रेस, स से समाजवादी पार्टी और ब से…. तो पब्लिक ने आवाज लगाई बहुजन समाज पार्टी। इस बीच उन्होंने कहा कि जब तक इस कसाब को खत्म नहीं करोगे, तब तक उत्तर प्रदेश को मुक्ति मिलने वाली नहीं है। अमित शाह ने लैपटॉप दिए जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि पहले वो आपकी धर्म और जाति देखते हैं और फिर लैपटॉप बांटते हैं। आपको बताते चले कि उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार ने 15 लाख लैपटॉप बांटे थे। आपको बताते चले कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी फतेहपुर की रैली में रमजान और दीवाली में बिजली आने को लेकर बयान दिया था। साथ ही उन्होंने कब्रिस्तान और श्मशान घाट की बात अपनी रैली में उठाई थी। बाद में राजनीतिक पार्टियों ने इस बयान की आलोचना करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग को ऐसे बयानों का संज्ञान लेना चाहिए।
जाहिर हैं की हर दल खुद को जीतता हुआ देखना चाहता हैं लेकिन जीत के नशे में हमारे नेता इतने लिप्त हो चुके हैं की उन्हें ये समझ नहीं आ रहा हैं की वो क्या बोल रहे हैं और उन्हें बोलना क्या चाहिए |