बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश की मौजूदा भारतीय जनता पार्टी सरकार पर टिप्पणी की है। बता दें कि आज यूपी सरकार के 1 साल पूरे हुए हैं। 1 साल पूरा होने के मौके पर राज्य सरकार ने जश्न भी मनाया। हालांकि विपक्ष ने 1 सााल पूरा होने पर सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने कहा है कि योगी सरकार के एक वर्ष की अवधि ने राज्य पर एक बुरा निशान छोड़ा है। यही कारण है कि उन्हें गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में एक सही जवाब दिया गया। माया ने कहा कि राज्य के लोग समय-समय पर भाजपा सरकार के प्रति अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं, आगामी आम चुनावों में, भाजपा खराब स्थिति में होगी। यूपी सरकार के एक वर्ष का जश्न मनाने के बजाय उन्हें गंभीरता से अपनी असफलताओं का आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। ये मेरी सलाह है।
योगी का भी बड़ा बयान –
इससे पहले एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि हम प्रदेश के हर वर्ग के लोगों के विकास के लिए लगातार तत्पर हैं। हम प्रदेश को विकास की ओर लेकर जाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इस मौके पर उन्होंने पूर्व की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब हम सत्ता में आए तो प्रदेश सरकार का खजाना खाली पड़ा था, प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल बना हुआ था, लेकिन हमने इस स्थिति को चुनौती के रूप में लिया। आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी सरकार परिवारवाद, जातिवाद, विभाजनकारी राजनीतिक के कारण बदनाम थी। लेकिन हमारी सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस विभाजनकारी राजनीति से प्रदेश को मुक्त किया है और पहली बार प्रदेश के अंदर किसान का किसान, नौजवान, गांव, गरीब, किसान, दलित, वंचित और समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा व्यक्ति शासन के एजेंडे का हिस्सा बन सकता है, इसे हर कोई देख सकता है। उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार ने पदभार ग्रहण किया तो प्रदेश का खजाना खाली था। सरकारी कर्मचारियों को वेतन देना बड़ी चुनौती थी, 1.30 लाख किलोमीटर की सड़क गड्ढायुक्त थी, यहां गुंडाराज की स्थिति थी, प्रदेश का किसान आत्महत्या कर रहा था, प्रदेश में निवेश की बात सपना थी। यहां भय का माहौल थी, भर्तियों पर न्यायालय की रोक लगी थी, वर्तमान भटक रहा था। ऐसी स्थिति में हमने काम प्रारंभ शुरू किया तो पीएम मोदी के संकल्प किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में काम करना शुरू किया।
जाहिर है की फूलपुर और गोरखपुर के उपचुनावों में मिली सपा उर बसपा गठबन्ध की जीत के बाद मायावती और अखिलेश यादव लगातार सीएम आदित्यनाथ के खिलाफ आग उगलते नजर आ रहे है और उन्हें आगामी लोकसभा चुनावों के लिए चुनौती देते नजर आ रहे है |