जानें प्रेगनेंट वूमेन के कमरें में क्या होना चाहिए जिससे बच्चा सुंदर हो

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जानें प्रेगनेंट वूमेन के कमरें में क्या होना चाहिए जिससे बच्चा सुंदर हो

कहते है कि एक महिला के लिए उसका बच्चा ही सबसे खूबसूरत होता है। महिला को अपने बच्चे से इस दुनिया में कोई नहीं लगता है। जब मां के पेट में उसका बच्चा 9 महीनों तक रहता है तो उसकी मां हर समय अपने बच्चे के बारें में सोचते रहती है कि क्या उसका बच्चा पैदा होने के बाद वो उसका ठीक प्रकार से ख्याल रख पाएगी या फिर उसको ये करने में काफी दिक्कते आएगी। इन सब के बावजूद भी हर महिला अपने बच्चे के पैदा होने से पहले सोचती है कि उसका बच्चा सही सलामत रहे और उसका बच्चा और के बच्चों से काफी सुंदर दिखें। इसके साथ ही मां ये सोचती है कि उसका बच्चा बड़ा होकर किसी अभिनेता या फिर किसी बड़ा अधिकारी बने जो देशा की सेवा करें। इसके साथ ही कई मां अपने बच्चे को गोरा होने के लिए डॉक्टर से सलाह लेते है ऐसा क्या खाए की हमारा बच्चा गोरा हो। इसके लिए डॉक्टर भी बताते है कि आपको ज्यादा से ज्यादा फल खाने चाहिए जिससे बच्चे को प्रचुर मात्रा में प्रोटीन की कमी ना हो। जिससे आपका बच्चा सेहतमंद पैदा हो। इसके साथ ही कहा जाता है कि गर्भवती महिला के कमरें में क्यूट बेबी की तस्वीरें लगाने से उस महिला का बच्चा भी उसी की तहर क्यूट होगा। आज हम आपको ऐसे ही कुछ मिथकों के बारें में बताने जा रहे है वो कितनी सच होती है और कितनी झूट होती है।

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मिथक- गर्भवती महिला के कमरे में अगर बच्चे की सुंदर सी तस्वीर लगई जाए तो गर्भवाती को उस तस्वीर को देखते रहने से उसकी होने वाली संतान भी उतनी ही सुंदर पैदा होगी।

सच्चाई- जेनेटिक गुणों पर निर्भर करता है कि बच्चे के चेहरे और उसकी शारीरिक बनावट कैसी होगी ना कि सामने वाली तस्वीर में दिख रहे खूबसूरत बच्चों के प्रभाव से आपका होने वाला बच्चा भी वैसा ही दिखेगा। हां, ये बात अलग है कि ऐसी सुंदर बच्चों की तस्वीरों को देख गर्भवती महिला एक तरह से पॉजिटिव महसूस करेगी और इससे उसके स्वास्थ्य पर अच्छा असर होगा जो कि आने वाले बच्चे के लिए बेहतर रहेगा।

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मिथक- गर्भाव्स्था में खाने-पीने के शौक और पसंद से होने वाले बच्चे का लिंग का अनुमान लगाया जा सकता है।

सच्चाई- ऐसा अक्सर कहा जाता है कि मां के खान पान के शौक से बच्चे के लिंग के बारें में पता चलता है। वैसे बता दें कि प्रेगनेंसी क्रेविंग यानी गर्भवती महिला के खाने-पीने की इच्छा और पसंद का सम्बंध वास्तव में शरीर में पोषक तत्वों के कमी से होती है न कि लड़के और लड़की की वजह से। वही ऐसा कुछ नहीं होता है कि जिससे आपको पता चले कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की।

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मिथक- ग्रहण लगने के दौरान गर्भवती महिला के बाहर निकलने से उसके बच्चे पर प्रभाव पड़ता है।

सच्चाई- इस मिथक के बारें में तो हमने अच्छे से सुना होगा कि गर्भवती महिलाओं को भी ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि इससे आपके बच्चे पर एक गलत प्रभाव पड़ेगा। वहीं ऐसा कुछ नहीं होता है ग्रहण लगना एक प्राकृतिक घटना है जबकि लोग इसे अंधविश्वास से जोड़कर देखते हैं। जोकि काफी गलत है।

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