ऐसा आप भी जानते होंगे और इस बात को मानते भी होंगे कि फेसबुक,ट्विटर,इंस्टाग्राम आदि जैसी सोशल मीडिया साइट्स आजकल ज़िन्दगी कि एक अनिवार्यता बन चुकीं हैं।दूसरे शब्दों में कहें तो सोशल मीडिया साइट्स आज कल ज़िन्दगी का आधार बन चुकी हैं।आज का हमारा यह लेख भी सोशल मीडिया पर ही आधारित है।आज हम इस लेख में हम आपको एक आदमी की इंसानियत और फेसबुक की मदद के बारे में बताएंगे।तो चलिए शुरुआत करें
आज हम 82 वर्ष के रावेल सिंह के बारे में बात करेंगे जो 21 दिसम्बर को अपने घर से मॉर्निंग वाक करने के लिए निकले थे परंतु रास्ता भूल जाने के कारण वह वापिस अपने घर नहीं लौट पाए।रास्ता भूल जाने के बाद वह पूरी तरह से भटक गए और एक मॉल के सामने जाकर खड़े हो गए जहाँ बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता था।82 वर्षीय रावेल सिंह ठण्ड की वजह से पूरी तरह से अकड़ चुके थे और आसपास के लोग उनपर ज़्यादा गौर नहीं कर रहे थे।तभी उनपर एक आदमी की नज़र पड़ी जिसका नाम मोहित अग्रवाल था।रावेल जी को देखकर मोहित को ऐसा लगा कि वह खो चुकें हैं।इसलिए उन्होंने रावेल जी को अपने घर ले जाने का फैसला किया।मोहित ने उन्हें गर्म कपडे और खाने को रोटी भी दी और उनसे उनके घर का पता पूछा।पहले तो रावेल जी अकड़ जाने की वजह से कुछ बोल नहीं पाए परंतु कुछ समय बाद उन्होंने अपने घर का पता बताया।
इसके बाद मोहित ने तुरंत ही फेसबुक पर रावेल जी की पूरी डिटेल्स डाल दी और लोगों से इसे ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करने का अनुरोध किया।लोगों ने भी मोहित की पोस्ट को दबाकर शेयर किया।फेसबुक की मदद से मोहित द्वारा शेयर की गयी यह पोस्ट रावेल सिंह जी के आसपास की जागाओं तक पहुँच गयी जिसकी मदद से रावेल जी के बेटे दलजीत को इस बारे में पता चला।इस प्रकार रावेल घर वापिस पहुँच गए।दिलजीत ने मोहित का तहे दिल से धन्यवाद भी किया।