ऐसा कहा जाता है कि यदि जिंदगी में कुछ भी मेहरबान हो तो वह हो किस्मत।किस्मत एक फ़क़ीर को बादशाह बना सकती है।दूसरे शब्दों में हम ऐसा भी कह सकते हैं कि किस्मत कब किसको कहाँ पहुंचा दे इसका कोई पता नहीं।आज का हमारा यह लेख भी किस्मत पर ही आधारित है।इस लेख में हम आपका परिचय एक ऐसे आदमी के साथ करवाएँगे जिसकी ज़िन्दगी किस्मत की वजह से पूरी तरह बदल गयी और साथ ही में हम आपको उस आदमी की संपति के बारे में भी बतायेंगे जिसे जानकर आप भी पूरी तरह से चौंक जाएंगे।तो चलिए शुरुआत करते हैं।
यह तस्वीर जो इस समय आपकी स्क्रीन पर मौजूद है,यह हरेराम की है जो 20 साल पहले लकड़ी बेचने का काम करता था।ख़बर के अनुसार हरेराम 20 साल पहले जंगल से लकडियाँ चुन-चुन कर लोगों के दरवाज़ों पर जाकर बेचता था।धीरे-धीरे हरेराम ने लकड़ी के आरे पर भी लकड़ी बेचना शुरू की और एक आरा मशीन ऑपरेटर के यहाँ काम भी किया।इसके बाद हरेराम ने एक दिन किराए पर एक आरा मशीन ली और खुद का एक कारोबार शुरू कर दिया।इस कारोबार को शुरू करने के बाद किस्मत हरेराम पर इतनी मेहरबान हुई कि उसकी कमाई दिन दुगनी और रात चुगनी होने लगी।इस के बाद हरेराम के दिन पूरी तरह से फिर गए और आज वह 100 करोड़ की संपति का मालिक है।जी हाँ आपने बिल्कुल सही पढ़ा हरेराम अब 100 करोड़ का मालिक है।
साथ ही में आपको बता दें कि इस समय हरेराम 3 स्कूलों और 2 बैंकों का भी मालिक है।
आयकर विभाग का ऐसा मानना है कि हरेराम के पास काफी ज्यादा बेनामी संपति है।आयकर विभाग के अनुसार हरेराम के पास 100 करोड़ से भी ज्यादा बेनामी संपति है।हरेराम के पास मेहनत की कमाई है या बेनामी संपति अब इस बात का पता तो आयकर विभाग की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।