यूपी चुनावों में बीजेपी के स्टार प्रचारक और सांसद योगी आदित्यनाथ की खुद की हिन्दू बाहिनी संस्था उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार ना बनाये जाने से बीजेपी के खिलाफ 64 उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित की | 21 जनवरी को बीजेपी ने आदित्यनाथ को पहले दो चरणों के लिए स्टार प्रचारक बनाया तो वहीं शुक्रवार को हिंदू युवा वाहिनी ने कुशीनगर और महराजगंज जिले में छह उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। इससे बीजेपी का चेहरा लाल हो गया है। हिंदू युवा वाहिनी की स्थापना साल 2002 में योगी आदित्यनाथ ने की थी।
आदित्यनाथ को किया नजरंदाज –
बीजेपी पर आदित्यनाथ का अपमान करने का आरोप लगाते हुए हिंदू युवा वाहिनी ने ऐलान किया कि वह प्रदेश की 64 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। आदित्यनाथ गोरखपुर मंदिर के महंत हैं। वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा, ‘हम उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट भी जारी करेंगे। वाहिनी के कार्यकर्ता चाहते थे कि आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए लेकिन बीजेपी ने उनकी मांग को नजरअंदाज किया। पार्टी ने उन्हें चुनाव मैनेजमेंट कमेटी में भी शामिल नहीं किया।’ उन्होंने कहा, ‘आदित्यनाथ ने बीजेपी को 10 उम्मीदवारों की लिस्ट सौंपी थी, लेकिन उनमें से सिर्फ दो को ही टिकट दिया गया। लेकिन हम अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमने इसीलिए बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है।’
केन्द्रीय मंत्री ना बनाये जाने से नाराज –
हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने 2014 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर के मतदाताओं से वादा किया था कि वे न सिर्फ एक सांसद चुन रहे हैं बल्कि एक केंद्रीय मंत्री भी चुन रहे हैं लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बीजेपी ने परिवर्तन यात्रा में भी उन्हें नजरअंदाज किया है। यात्रा के बैनर और पोस्टर में भी हमारे नेता की फोटो नहीं थी। बीजेपी ने राजनाथ सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, उमा भारती और कलराज मिश्र को वरीयता दी थी।’
अब देखना होगा की आखिर बीजेपी को इससे कितना नुकसान होता |