नोटबंदी के बाद अब सरकार ने देशवासियों को एक बड़ा झटका दे दिया हैं. अब देश के निजी बैंक तय सीमा से अधिक बैंकिंग ट्रांजैक्शन या कैश विड्रॉवल करने पर ट्रांजैक्शन चार्ज लगाएंगे. यानि अगर आपको तय सीमा से अधिक का नकद में लेन देन करना हैं तो आपको बांको को शुल्क देना पड़ सकता हैं. ये सभी नियम आज से ही लागू हो गए हैं. कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में नोटबंदी के बाद इसे एक बड़ा फैसला माना जा रहा है. दरअसल सरकार नकदी में होने वाले लेनदेन को हतोत्साहित कर रही है.
ये हैं आईसीआईसीआई बैंक के नियम
आईसीआईसीआई बैंक से चार लेन देन के बाद आपको शुल्क देना होगा. बैंक की वेबसाइट से भी आप इस बारें में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
ये हैं एचडीएफसी बैंक के नियम
देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी के नए नियम के मुताबिक कोई भी ग्राहक अब एक महीने में चार बार कैश निकालने और कैश जमा करने के ट्रांजैक्शन को मुफ्त में कर सकेगा. पांचवें और उसके बाद के सभी ट्रांजैक्शन पर बैंक 150 रुपये प्रति लेन देन के वसूलेगा. इतनी ही नहीं, एचडीएफसी बैंक के नियम के मुताबिक इस 150 रुपये के ट्रांजैक्शन चार्ज पर आपको अलग से टैक्स और सेस भी अदा करना होगा. हालाँकि इस बैंक ने कुछ वर्ग विशेष के लिए सुविधाएँ भी दी हैं. बैंक के सीनियर सिटिजन ग्राहकों और नाबालिग बैंक खाताधारकों के लिए प्रति दिन निकासी सीमा 25,000 रुपये रहेंगी, हालांकि इन खाताधारकों पर कोई चार्ज अथवा टैक्स नहीं लगेगा.
ये हैं एसबीआई बैंक के नियम
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने भी नकद लेन देन की सुविधा पर शुल्क लगा दिया हैं. एसबीआई के मुताबिक अब उसके खाताधारक अपने होम ब्रांच से महीने में महज तीन बार कैश लेनदेन कर सकते हैं. चौथे ट्रांजैक्शन से प्रति ट्रांजैक्शन 50 रुपये वसूले जायेंगे.
एक्सिस बैंक के ये हैं नियम
एक्सिस प्राइवेट सेक्टर का तीसरा सबसे बड़ा बैंक है, जो कि एक लाख प्रति माह या फिर ब्रांच से पांचवीं बार निकासी पर 150 रुपए या प्रति हजार रुपए पर 5 रुपए का शुल्क वसूलेगा. एक्सिस बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक उसके ग्राहत 5 फ्री ट्रांजैक्शन के साथ एक महीने में 10 लाख रुपये तक की निकासी बिना किसी भुगतान के कर सकते हैं.